बस एक नज़र की बात थी
वो शाम ही शायद कुछ ख़ास थी
नज़रों ने बातें की…जुल्फों ने शरारत की …
उफ्फ..हुआ कुछ यूँ की …!!
बूंदों कि रिमझिम फुहार हुई
और शाम की हर एक बात कुछ खास हुई ..
ये क्यूँ हुआ जाने ना हम …
उफ्फ…हुआ कुछ यूँ
क्या बताएं हम …!!
नज़रें हमारी बतियाती रही
चेहरे की रंगत बढ़ती गयी …
वो बातें भी कुछ ख़ास हुई …
ये क्यूँ हुआ जाने ना हम …
उफ्फ…हुआ कुछ यूँ
क्या बताएं हम …!!
उस मुलाकात की बात ही कुछ ख़ास थी...
नज़रों ने बातें हज़ार की …
हर बात में बात निकलती रही …
हम मुस्कुराते रहे ...
और सांसें उनकी थमती रही ...
ये क्यूँ हुआ जाने ना हम …
उफ्फ…हुआ कुछ यूँ
क्या बताएं हम …!!
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