तो जाने कुछ बात है....
रुठते हैं हम भी कभी,
मना लो जो हमें…तो जाने कुछ बात है!!
हंसकर बात को घुमा देते हैं कभी,
मुस्कुराकर गम को छुपा देते हैं कभी,
समझ लो हमें... तो जाने कुछ बात है !!
थोड़ा हम भी इतरा लेते हैं कभी,
शरमा के नज़रे झुका देते हैं कभी,
नज़रों का झुकना समझो …तो जाने कुछ बात है ..!!
तुझे ख्यालों में देख कर मुस्कुरा देते हैं कभी,
तेरी ख़ामोशी से भी कुछ पल बतिया लेते हैं कभी,
हमारी ख़ामोशी को समझो…तो जाने कुछ बात है!!
ज़ख़्म खुद का सहला लेते हैं कभी …
आंसुओं को आँखों में छुपा लेते हैं कभी …
उन्हें अपना समझो तो जाने कुछ बात है …
हमें अपना बना सको …तो जाने तुममे भी कुछ बात है !!!
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