आज सिरहाने जब तू बैठी,
कर गयी ताज़ी, यादें सुनहरी,
सुनहरा रंग और यादें मोती।।।
तुझ से जुड़ी है यादें अनोखी !
आज सिरहाने जब तू बैठी
बचपन की फिर सहेली मिल गयी...
कोरे से मेरे मन में...बातें थी हज़ारों !
तू ना होती तो शायद...कह ना पाती खुदको !!
जब कोई बात समझ ना आती...
जब ख़ुशी से मैं झूमती,
आंसू की गंगा जब बहती,
या हस्ते हुए लोट लगाती,
हर पल को तू ऐसे पिरोती...
माला के जैसे हो मोती !
ना जाने कैसी ये यारी...
हर पन्ने पर छाप निराली,
खट्टी मीठी, धुंधली कहानी...
कर दी ताज़ी फिर अपनी ज़ुबानी !!
आज सिरहाने जब तू बैठी
कर गयी ताज़ी, यादें सुनहरी,
सुनहरा रंग और यादें मोती...
तुझ से जुडी है यादें अनोखी !!
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